श्री खाटू श्याम बाबा को श्री कृष्ण का कलयुगी अवतार माना जाता है | जो भी व्यक्ति खाटू श्याम बाबा की भक्ति सुबह शाम करता है, उसे पर बाबा की असीम कृपा हो जाती है |
मंदिर में बाबा क पूजा अर्चना कर सकते हैं | श्याम बाबा की आरती और स्तुति pdf को डाउनलोड कर सकतें हैं |
श्याम बाबा की आरती और स्तुति करने वालों के बिगड़े हुए काम बन जाते हैं | श्री खाटू श्याम स्तुति का पाठ करके आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं तथा जीवन में आने वाली परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं |
Khatu Shyam Temple
खाटू बाबा का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले सेखावती नामक स्थान पर स्थित है | यहीं पर खाटू श्याम जी की पूजा अर्चना की जाती है | इस मंदिर पर प्रत्येक वर्ष फागुन माह में मेला भी लगता है |
खाटू बाबा का मंदिर बहुत ही प्राचीन है | इस मंदिर को औरंगजेब की सेना ने नष्ट कर दिया था | लेकिन बाद में इसकी आधारशिला रखी गई थी |
कौन खाटू श्याम बाबा
महाभारत काल के भीम के पौत्र एवं घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं | इन्हें खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है | बर्बरीक की माता का नाम हिडिंबा था | बर्बरीक यानि खाटू श्याम बाबा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धरों में से एक थे |
यही बर्बरीक ने अपने शीश को काटकर भगवान श्री कृष्ण को दान में दिया था | भगवान श्री कृष्ण के द्वारा मांगी गई सिर को दान देने कारण इन्हे शीश का दानी कहा गया |
खाटू बाबा की कुछ कहानी
बर्बरीक के द्वारा अपने सिर का दान कर देने के बाद, महाभारत के संपूर्ण युद्ध को अपनी आंखों से देखने की इच्छा जताई दो भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को पूरे युद्ध देखने का बरदान दिया था |
युद्ध की समाप्ति के बाद बर्बरीक से पूछा गया कि युद्ध की विजेता का श्रेय किसे दिया जाए तो बर्बरीक नहीं इसका निर्णय लिया था |
अंत में भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कहा कि तुम कलयुग में खाटू श्याम के नाम से जाने जाओगे | लोग तुम्हारी खाटू बाबा के नाम से पूजा की जाएगी |
खाटू बाबा के अन्य नाम
हारे का सहारा
खाटू श्याम जी बाबा को हारे का सहारा के नाम से भी जाना जाता है | एक बार बर्बरीक महाभारत के युद्ध में भाग लेने के लिए जा रहे थे, तो इनकी माता ने इनसे वचन लिया | कि यह जो हारेगा उसी की तरफ से तुम्हें लड़ना होगा | इसी वजह से बर्बरीक यानि खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा भी कहा जाता है |
तीन बाण धारी
भगवान शिव ने बर्बरीक से प्रसन्न होकर इन्हें बरदान दिया था | इस वजह से खाटू श्याम बाबा को तीन बाण धारी के नाम से भी जाना जाता है |
शीश का दानी
बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपने सर का दान दिया था | इस वजह से इन्हें शीश का दानी भी कहा जाता है |
Khatu Shyam Aarti Lyrics | श्री खाटू श्याम जी की आरती
हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये
दस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज
धन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजान
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण||
श्याम श्याम तो में रटूं श्याम हैं जीवन प्राण
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम||
फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भरी होए
बाबा के दरबार से खाली जाये न कोए
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम
लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम ||
पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर
सब भक्तो की विनती दर्शन देवो हजूर
आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान||
जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम
लीलो घोड़ो लाल लगाम
जिस पर बैठ्यो बाबो श्याम||
FAQs
Q1. खाटू बाबा किसके पुत्र थे ?
खाटू श्याम घटोत्कच के पुत्र थे |
Q2. खाटू बाबा का सम्बन्ध किस काल से है ?
खाटू बाबा का सम्बन्ध महाभारत काल से है |
Q3. खाटू श्याम बाबा का मंदिर कहाँ है ?
खाटू श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान में है |
Q3. खाटू बाबा के अन्य नाम क्या क्या है ?
खाटू बाबा के अन्य नाम हारे का सहारा, तीन बाण धारी, शीश का दानी है |
निष्कर्ष
आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से जाना की खाटू श्याम बाबा की पूजा कैसे और कब की जाती है | इनकी पूजा देश और विदेश हर जगह की जाने लगी है |
इस पोस्ट से सम्बंधित किसी अन्य जानकारी के लिए आप हमसे कमेन्ट बॉक्स के माष्यम से सवाल पूछ सकते हैं |