गणेश चतुर्थी व्रत करें, Ganesh Chaturthi Vrat Katha in Hindi PDF Download.

हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी व्रत कथा को बहुत ही हर्ष एवं उल्लास से मनाया जाता है | इस व्रत में लोग भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते है|

आज हम गणेश चतुर्थी व्रत के बारें में विस्तार से जानेंगे, इस काठ कब , कैसे एवं क्यों किया जाता है | इसका आप pdf भी लिंक के माध्यम से डाउनलोड कर सकतें हैं|

गणेश कथा इन हिंदी

गणेश चतुर्थी व्रत कथा का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है, शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी में भगवान श्री गणेश की आराधना की जाती है|

इस कथा में श्री गणेश की पूजा अर्चना बहुत ही विधि विधान पूर्वक की जाती है| कृष्ण पक्ष को यह चतुर्थी दिनांक को मनाई जाती है|

यह गणेश चतुर्थी भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है| इसी चतुर्थी को भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था, इसी जन्मोत्सव जन्म के उपलक्ष में यह गणेश चतुर्थी कथा की जाती है|

गणेश चतुर्थी कथा के कुछ अंश

एक बार भगवान शंकर और मां पार्वती के संग नर्मदा नदी के तट पर गए| इस तट पर विराजमान होने के बाद मां पार्वती और महादेव जी ने एक खेल खेलने की इच्छा प्रकट की, तब भगवान शिव ने कहा इस खेल का साक्षी कौन होगा |

स्टोरी पार्ट 01

तभी मां पार्वती ने एक तिनका लेकर, उसे बटोर कर एक पुतला बनाया, उसे साक्षी मानकर खेल शुरू हुआ | पुतले में जान डालकर मां पार्वती ने कहा कि हम दोनों के खेल का निर्णायक हार जीत तुम्हें बताना है|

इस खेल में मां पार्वती ने भगवान शिव को हरा दिया, लेकिन इस पुतले से पूछे जाने पर इसने कहा कि भगवान शिव ने इस खेल को जीता है | तभी माँ पार्वती क्रुद्ध होकर उसे श्राप दे दिया, उसे एक पाव से लंगड़ा होने तथा दुख भोगने का श्राप दिया |

यह बालक इस श्राप को सुनकर के बहुत ही दुखी हुआ | मां पार्वती से क्षमा याचना करने लगा तभी, मां पार्वती से इसने अपने श्राप से मुक्ति के लिए उपाय पूछने लगा |

तभी मां पार्वती ने कहा गणेश पूजन के लिए यहां नाग कन्या आएंगी | उनके उपदेश से तुम गणेश व्रत करके मुझे प्राप्त करोगे, तभी यह तुम्हारा श्राप मुक्त होगा |

Ganesh Chaturthi Vrat Katha in Hindi PDF Download
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गणेश चतुर्थी की कहानी क्या है?

यह कहने के बाद तुरंत ही मां पार्वती कैलाश पर्वत पर चली गई | महीना बीतने के बाद नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा के लिए आयीं तथा उस बालक को कथा के बारे में विधि विधान से बताया |

तब बालक ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना किया तथा भगवान गणेश खुश हो करके उसे वरदान मांगने के लिए बोलें |

उस बालक ने कहा कि, हे भगवान मुझे ऐसी शक्ति दो कि मेरे पांव में इतनी शक्ति हो जाए कि मैं अपने माता-पिता से कैलाश पर्वत पर मिलने चला जाऊं | इस बात से प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने ऐसा ही होने की का वर दिया |

तभी गणेश जी अंतर्ध्यान हो गए | बालक कैलाश पर्वत पर पार्वती और गणेश जी के पास पहुंचा तो मां पार्वती भी भगवान शंकर से रुष्ट होकर चली गई थी |

इस बालक को देखकर के भगवान शंकर ने बालक से पूछा कि तुम यहां पर कैसे आए हो | तभी उसने Ganesh Chaturthi व्रत कथा के बारे में बताया | कथा के बारे में सुनकर भगवान शंकर ने भी इस कथा का पाठ किया तो मां पार्वती भी खुश होकर के वापस आ गई |

sankashti chaturthi vrat katha

गणेश चतुर्थी व्रत कथा PDF को इस पोस्ट के माध्यम से बताया गया है | यह pdf गणेश व्रत कथा को पढने में बहुत ही अच्छा है | इसे डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसे free में अपने मोबाइल लैपटॉप में सेव कर सकते है|

गणेश चतुर्थी व्रत कथा PDF 

Name of PDFगणेश चतुर्थी व्रत कथा PDF
No. of Pages70
Pdf Size5 MB
LanguagesHindi
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FAQs

Q1. गणेश चतुर्थी का व्रत कब खोला जाता है?

श्री गणेश चतुर्थी का व्रत रहने के बाद शाम के समय इसे खोला जाता है |

Q2. गणेश चतुर्थी की कहानी क्या है?

भगवान गणेश के जन्मदिन के अवसर पर इसे मनाया जाता है |

Q3. संकष्टी चतुर्थी की कथा क्या है?

देवताओ के उपर आये संकट को दूर करने में जब देवता लोग खुद असमर्थ होगे तो, शिव जी ने इन लोगों को गणेश जी से समाधान के लिए कहा तो गणेश जी ने तुरंत संकट का उपाय कर दिया | इसे ही संकष्टी चतुर्थी की कथा कहा जाता है |

Q4. गणेश चतुर्थी का उपवास कैसे करते हैं?

गणेश चतुर्थी के दिन सुवह उठ कर स्नान ध्यान करके गणेश जी का उपवास ( व्रत ) रखना चाहिए |

निष्कर्ष

इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आप लोगो को गणेश चतुर्थी व्रत कथा के बारे में जानकारी दी है | लिंक के माध्यम से इसे डाउनलोड करे | गणेश चतुर्थी कथा में गणेश जी के जन्मदिन के अवसर पर गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ किया जाता |

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